नवरात्रि के नौ दिन :
नवरात्रि में माँ दुर्गा के 9 दिव्य रूपों की पूजा होती है। जानें हर दिन पूजे जाने वाले देवी के स्वरूप, उनके नाम, रंग, और महत्व इस लेख में।
🙏 परिचय:
नवरात्रि एक ऐसा पावन पर्व है जिसमें माँ दुर्गा के नौ रूपों की विधिवत पूजा की जाती है। हर दिन देवी के एक विशेष रूप की आराधना की जाती है। इन नौ रूपों को “नवदुर्गा” कहा जाता है। यह सभी रूप शक्ति, साहस, करुणा और विजय के प्रतीक हैं।
🌼 माँ दुर्गा के 9 रूपों के नाम और उनका विवरण:
1. शैलपुत्री (Shailputri)
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प्रथम दिन पूजा होती है।
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हिमालय की पुत्री और भगवान शिव की अर्धांगिनी।
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प्रतीक: शक्ति और समर्पण।
2. ब्रह्मचारिणी (Brahmacharini)
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द्वितीय दिन पूजी जाती हैं।
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तपस्या और आत्म-नियंत्रण की देवी।
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प्रतीक: ज्ञान और संयम।
3. चंद्रघंटा (Chandraghanta)
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तृतीय दिन की देवी।
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इनके मस्तक पर अर्धचंद्र की घंटी होती है।
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प्रतीक: साहस और विजय।
4. कूष्मांडा (Kushmanda)
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चतुर्थ दिन पूजा होती है।
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ब्रह्मांड की रचयिता कही जाती हैं।
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प्रतीक: सृजन और ऊर्जा।
5. स्कंदमाता (Skandamata)
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पंचमी को पूजी जाती हैं।
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भगवान कार्तिकेय की माता।
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प्रतीक: मातृत्व और प्रेम।
6. कात्यायनी (Katyayani)
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षष्ठी की देवी।
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दानवों का वध करने वाली।
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प्रतीक: वीरता और न्याय।
7. कालरात्रि (Kaalratri)
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सप्तमी को पूजा जाती हैं।
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उग्र रूप वाली, लेकिन संकट हरने वाली।
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प्रतीक: भय का नाश और आत्मबल।
8. महागौरी (Mahagauri)
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अष्टमी को पूजी जाती हैं।
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उज्जवल, सुंदर और शांत स्वरूप।
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प्रतीक: शुद्धता और करुणा।
9. सिद्धिदात्री (Siddhidatri)
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नवमी को पूजी जाती हैं।
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सभी सिद्धियों को प्रदान करने वाली देवी।
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प्रतीक: सिद्धि, सफलता और मोक्ष।
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नवरात्रि का पर्व न केवल धार्मिक महत्त्व रखता है, बल्कि यह आत्म-शक्ति, आस्था और अध्यात्म का पर्व भी है। माँ दुर्गा के इन नौ रूपों की पूजा से जीवन में सुख, शांति और विजय की प्राप्ति होती है।
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